5 Simple Techniques For hanuman chalisa
5 Simple Techniques For hanuman chalisa
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[Saba=all; sukha=contentment, pleasures; Lahai=remain; tumhari=with your; sarana=refuge; tuma=you; rakshaka=protector; kahoo ko=why? or of whom; darana=be afraid]
lāyaLāyaBrought sanjīvaniSanjīvaniA existence LakhanaLakhanaLakshman, brother of Lord Rama jiyāeJiyāeSaved / revived
भावार्थ – आपने वानर राज सुग्रीव का महान् उपकार किया तथा उन्हें भगवान् श्री राम से मिलाकर [बालि वध के उपरान्त] राजपद प्राप्त करा दिया।
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥ हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
व्याख्या – रोग के नाश के लिये बहुत से साधन एवं औषधियाँ हैं। यहाँ रोग का मुख्य तात्पर्य भवरोग से तथा पीड़ा का तीनों तापों (दैहिक, दैविक, भौतिक) से है जिसका शमन श्री हनुमान जी के स्मरण मात्र से होता है। श्री हनुमान जी के स्मरण से निरोगता तथा निर्द्वन्द्वता प्राप्त होती है।
[Maha=great;Beera=Courageous; Vikram=wonderful deeds; bajra=diamond; ang=human body pieces; kumati=terrible intellect; nivara=remedy, cleanse, wipe out; sumati=superior intelligence; ke=of; sangi=companion ]
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
It's your choice; there is not any certain rule to reciting Hanuman Chalisa. The greater you repeat, the more you turn out to be near Lord Hanuman. Your mind really should often be 100% focused on the Chalisa while reciting to practical experience the grace of click here God.
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द: भजन
व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।
Some people preserve a partial or entire speedy on either of People two times and remember Hanuman as well as the theology he signifies to them.[109]
व्याख्या – श्री शंकर जी के साक्षी होने का तात्पर्य यह है कि भगवान श्री सदाशिव की प्रेरणा से ही श्री तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा की रचना की। अतः इसे भगवान शंकर का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिये यह श्री हनुमान जी की सिद्ध स्तुति है।
In north India, an iconic representation of Hanuman such as a spherical stone has been in use by yogis, as a means to aid center on the abstract elements of him.[106]
With any luck , you realized to pronounce the above mentioned verses and text on the Hanuman Chalisa thoroughly, given that they're in English structure.